ऑल पार्टी डेलिगेशन पर शरद पवार की संजय राउत को दो टूक, कहा- 'पार्टी से ऊपर...'
Sharad Pawar News: शरद पवार ने संजय राउत को याद दिलाया कि जब पी.वी. नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे, तब एक प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र गया था, जिसकी अगुवाई अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी.

Sharad Pawar To Sanjay Raut: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राउत की आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार करते समय दलगत राजनीति को एक तरफ रख देना चाहिए. मुंबई में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पवार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश की छवि और हित सर्वोपरि होते हैं, और इन मामलों में स्थानीय राजनीति को शामिल करना उचित नहीं है.
शरद पवार ने संजय राउत को याद दिलाया कि जब पी.वी. नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे, तब एक प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र गया था, जिसकी अगुवाई अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी और वे खुद भी उस दल का हिस्सा थे. उन्होंने कहा, "ऐसे मामलों में राजनीतिक दलों की पहचान पीछे रह जाती है और देश की भूमिका को प्रमुखता मिलनी चाहिए."
शरद पवार ने बताया कि हाल ही में केंद्र सरकार ने आठ से नौ सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं, जिन्हें विभिन्न देशों में भेजा जा रहा है. इनका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह समझाना है कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की भूमिका के संदर्भ में भारत का क्या दृष्टिकोण है.
उन्हें अपनी राय रखने का अधिकार- पवार
संजय राउत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पवार ने कहा, "संजय राउत को अपनी राय रखने का अधिकार है, लेकिन मेरी राय स्पष्ट है. अंतरराष्ट्रीय विषयों में स्थानीय या दलगत राजनीति नहीं घुसनी चाहिए." उन्होंने यह भी संकेत दिया कि राउत की ही पार्टी की नेता प्रियंका चतुर्वेदी इन डेलिगेशन का हिस्सा हैं और उन्होंने इसे सेना के समर्थन में एक जरूरी कदम बताया है.
सर्वदलिय नेताओं का डेलिगेशन भेज रही सरकार
गौरतलब है कि जब केंद्र सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, तब शिवसेना (UBT) ने उसमें हिस्सा नहीं लिया था. बाद में, भारत द्वारा पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाई देने के बाद संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमेरिका के दबाव में निर्णय लेने का आरोप लगाया था.
डेलिगेशन को बताया था बारात
'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत विभिन्न देशों में भेजे जा रहे इन प्रतिनिधिमंडलों को लेकर राउत ने आलोचना करते हुए उन्हें 'बारात' बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह देशहित में नहीं, बल्कि सरकार के 'पापों' और 'गलतियों' को छिपाने का प्रयास है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना यूबीटी, तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल जैसे दलों से कोई सलाह मशवरा नहीं किया गया, जबकि उनकी पार्टी के लोकसभा में नौ सांसद हैं.
प्रियंका चतुर्वेदी ने बताया था जरूरी कदम
दिलचस्प बात यह है कि जिस प्रतिनिधिमंडल पर संजय राउत सवाल उठा रहे हैं, उसी में उनकी पार्टी की नेता प्रियंका चतुर्वेदी शामिल हैं, जिन्होंने इसे सशस्त्र बलों की ओर से उठाया गया एक जरूरी कदम बताया है. इससे पार्टी के भीतर मतभेद साफ दिखाई देते हैं.
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