अखिलेश यादव ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर उठाया सवाल, बोले- 'बीजेपी ने की सिर्फ बजट की सफाई'
Akhilesh Yadav News: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नदियों की सफाई के मुद्दे पर बीजेपी सरकार को घेरा है. अखिलेश यादव ने कहा कि, नदियों की सफाई के नाम पर बीजेपी ने सिर्फ बजट की सफाई की.

Lucknow News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने नदियों की सफाई के नाम पर जनता से झूठे वादे किए और हजारों करोड़ रुपये के बजट का सिर्फ दुरुपयोग किया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार विकास विरोधी है और इसने समाजवादी सरकार द्वारा शुरू की गई नदियों की सफाई की योजनाओं को रोक दिया.
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार के समय गोमती नदी पर बना रिवरफ्रंट परियोजना एक उदाहरण था, जिसे देख कर बाकी नदियों की सफाई भी संभव हो सकती थी. लेकिन भाजपा सरकार ने इस परियोजना को सिर्फ राजनीतिक द्वेष के चलते अधूरा छोड़ दिया. उन्होंने कहा, “हमने गोमती रिवरफ्रंट के जरिए दुनिया को दिखाया कि नदियों को स्वच्छ, सुंदर और उपयोगी कैसे बनाया जा सकता है. लेकिन भाजपा ने उसे भी रोक दिया और अब गंगा व यमुना की सफाई के नाम पर जनता को बरगलाया जा रहा है.”
'कागजों पर चल रहे नदियों के सफाई अभियान'
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार के ‘नमामि गंगे’ जैसे अभियान केवल कागजों पर चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि गंगा आज भी वैसी ही गंदी बह रही है जैसी पहले थी. भारतीय वन्यजीव संस्थान की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि गंगा में रासायनिक प्रदूषण के कारण कई जलजीवों की प्रजातियाँ खतरे में हैं.
यमुना नदी की सफाई होगी या सिर्फ राजनीति- अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा, नदी जीवन देती है, किसी का जीवन नहीं लेती. लेकिन भाजपा सरकार ने नदियों की सफाई की बजाय केवल बजट की सफाई की है. अब सवाल है कि यमुना के नाम पर सिर्फ राजनीति होगी या सफाई भी होगी? उन्होंने ताजमहल के पीछे बहती यमुना की दुर्दशा का जिक्र करते हुए कहा कि यह देश और राज्य की छवि को भी नुकसान पहुंचा रहा है.
सपा प्रमुख ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा चाहें तो समाजवादियों से नदी सफाई की ट्यूशन ले सकती है. हमारे समय में गोमती रिवरफ्रंट की सफाई और सौंदर्यीकरण एक आदर्श था. भाजपा वाले चाहें तो हमसे गेस्ट लेक्चर ले सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जनता अब खुद भाजपा की सफाई का कार्यक्रम तैयार कर चुकी है.जिस दिन भाजपा की सत्ता से सफाई होगी, उसी दिन नदियों से लेकर देश के बजट तक, सब साफ हो जाएगा.
साल 2014 में शुरू किया गया था नमामि गंगे प्रोजेक्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने साल 2014 में ‘नमामि गंगे’ योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत गंगा नदी को साफ करने के लिए हजारों करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया था. लेकिन विशेषज्ञ और रिपोर्टें बताती हैं कि अभी तक गंगा की सफाई में अपेक्षित प्रगति नहीं हुई है. वहीं, उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार के दौरान शुरू किया गया गोमती रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट उस समय चर्चा में आया था, हालांकि सत्ता बदलने के बाद वह अधूरा रह गया.
ये भी पढ़ें: दो दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर BJP चीफ जेपी नड्डा, सीमांत क्षेत्रों के विकास को मिलेगा आयाम
टॉप हेडलाइंस
