Pune Highway Review: भूल चूक माफ हो लेकिन ये इस हफ्ते रिलीज हुई सबसे बढ़िया फिल्म है, Amit Sadh और Jim Sarbh की शानदार परफॉर्मेंस
Pune Highway Review: अमित साध और जिम सर्भ की पुणे हाइवे सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. देखने से पहले यहां इसका रिव्यू पढ़ लीजिए कि ये कैसी फिल्म है?

बग्स भार्गव कृष्णा, राहुल डाकुन्हा
अमित साध, जिम सर्भ, अनुभव पाल, मंजरी फडनीस, केतकी नारायण
थिएटर
Pune Highway Review: भूल चूक माफ हो लेकिन ये इस हफ्ते रिलीज हुई फिल्मों में सबसे बढ़िया फिल्म है, ये दिमाग घुमा देने वाली मर्डर मिस्ट्री है. लेकिन हमारे सिनेमा की दिक्कत यही है कि अच्छी फिल्में लोगों तक पहुंचती कम हैं क्योंकि उनके पास मार्केटिंग का उतना पैसा नहीं होता, उन्हें इतने शो नहीं मिलते और उनके पास कोई बड़ा स्टूडियो नहीं होता जो बाकी सारी फिल्मों को हटवाकर थिएटर में बस अपनी ही फिल्म लगवा दे. फिर चाहे कोई देखने आए या ना आए लेकिन दूसरी कोई अच्छी फिल्म ना देखने दे. ऐसा ही कुछ इस फिल्म के साथ हुआ है, इस हफ्ते कई फिल्में रिलीज हुई लेकिन पुणे हाइवे के शो सबसे कम हैं जबकि फिल्म सबसे अच्छी है,
कहानी
चार दोस्त हैं, इनमें से एक साथ मारपीट होती है लेकिन बाकी 3 कुछ नहीं कर पाते, खड़े खड़े देखते रहते हैं, ऐसा क्यों होता है, फिर सालों बाद एक लाश मिलती है, और अपनी अपनी जिंदगी जी रहे ये दोस्त भी फिर से मिलते हैं. क्या इस मर्डर से इनका कोई कनेक्शन है.अगर है तो मर्डर किसने किया? इनके अतीत का क्या इस मर्डर से कोई रिश्ता है? ये सब जानने के लिए थिएटर चले जाइएगा क्योंकि मर्डर मिस्ट्री और थ्रिलर फिल्मों की कहानी ही उनकी जान होती है और उसे इससे ज्यादा नहीं बताया जा सकता.
कैसी है फिल्म
ये एक अच्छी फिल्म है, फिल्म में सस्पेंस बना रहता है, चीजें इस तरह से होती हैं कि वो आपको हैरान करती हैं. पहले सीन से फिल्म आपको बांध लेती है, और आप जानना चाहते हैं कि ऐसा हो रहा है तो क्यों हो रहा है. पास्ट और प्रेजेंट की घटनाओं को आपस में अच्छे से जोड़ा गया है. फिल्म जबरदस्ती खिंचती नहीं है, स्क्रीनप्ले टाइट है, परफॉर्मेंस बढ़िया है. आप एंड तक अंदाजा नहीं लगा पाते कि किलर कौन है और यही एक मर्डर मिस्ट्री की खासियत होती है. जबरदस्ती का ड्रामा नहीं डाला गया है, लाउड सीन्स नहीं हैं, और इससे ये पता चलता है कि जब कहानी में दम होता है तो इन सबकी कोई जरूरत नहीं होती.
एक्टिंग
अमित साध ने कमाल का काम किया है, उन्होंने दिखा दिया है कि वो एक बेहतरीन एक्टर हैं. उनका किरदार शेडस बदलता है और वो ये काम स्मूदली करते हैं. ये उनके बेस्ट परफॉर्मेंस में से एक मानी जाएगी. Jim sarbh का काम शानदार है, उनकी स्क्रीन प्रेजेंस में एक मैजिक है, वो वकील बने हैं और कमाल के वकील बने हैं. वो तारीख पर तारीख नहीं करते लेकिन जो करते हैं वो आपको याद रह जाता है. anuvab pal का काम अच्छा है, उनका कैरेक्टर अजीबोगरीब हरकतें करता है और वो इस किरदार में पूरी तरह से फिट लगते हैं. सबसे ज्यादा अटेंशन उन्हीं के कैरेक्टर पर जाती है. मंजरी फडनीस का काम ठीक है, केतकी नारायण काफी इम्प्रेस करती हैं, सुदीप मोदक ने इंस्पेक्टर का रोल अच्छे से प्ले किया है.
राइटिंग और डायरेक्शन
Bugs Bhargava Krishna और Rahul Da Kunha ने फिल्म को लिखा और डायरेक्ट किया है और इन दोनों का काम बेहतरीन है. राइटर बाप होता है, ये बात ये दोनों साबित करते हैं और अच्छी राइटिंग के बाद अच्छा डायरेक्शन हो जाए तो फिल्म में जान खुद आ जाती है. इन्होंने फिल्म को सिंपल रखा क्योंकि कहानी में दम था, और फिल्म पर इनकी पकड़ हर जगह दिखती है, सरप्राइज एलिमेंट हर थोड़ी देर में डाला गया है और यही इस फिल्म की जान है.
कुल मिलाकर ये अच्छी फिल्म है और इसे देखिए
रेटिंग -3.5 स्टार्स
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