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पाकिस्तान ने उरी में दो मस्जिदों को भी बनाया निशाना, तस्वीरें देख फट जाएगा कलेजा
जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में बंदूकें शांत हैं. सीमा पार से सीजफायर के बाद गोलियां नहीं चल रही है. इससे स्थानीय लोगों में खुशी है और अस्थायी शिविरों से घर लौटना शुरू कर दिया है.

घर लौटे लोग अपने ध्वस्त घरों को देखकर भावुक हो गए. जहां सबकुछ जल चुका था.
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गोलाबारी से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक उरी में विस्थापित लोगों ने अपने घरों की ओर लौटना शुरू कर दिया है, दुकानें भी फिर से खुल गई हैं.स्थानीय निवासी लाल हुसैन कोली ने कहा कि यह लोगों के लिए एक बड़ा दिन है, क्योंकि दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने युद्ध विराम को स्थायी रूप से मंजूरी दे दी है.
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उन्होंने कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता का मतलब हमारे लिए पीड़ा है और चार दिनों में हमने देखा कि कितनी कीमत चुकानी पड़ी है. हमारे लोग मारे गए और घायल हुए. दर्जनों घर नष्ट हो गए."
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पाकिस्तानी गोलीबारी से उरी में 8 दुकानें, 2 मस्जिद और 8 वाहनों सहित कम से कम 400 इमारतें पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई. हजारों लोग घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए.
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एक अन्य निवासी फारूक अहमद ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर से उरी के लोगों को बहुत खुशी हुई.
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उन्होंने कहा, "गोलाबारी से हम बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. हमारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है और लोगों को अपने घर-बार छोड़कर जाना पड़ा है, जो बेहद दुखद है."
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उरी के विधायक डॉ. सज्जाद शफी लगातार उरी में हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं. उन्होंने खुद उरी के लोगों को दी जा रही सुविधाओं को देखा. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि जब तक बम निरोधक दस्तों द्वारा सभी खाली पड़े गोले को निष्क्रिय नहीं कर दिया जाता, तब तक वे घर वापस न लौटें.
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हालांकि बारामुला पुलिस ने बताया है कि जिले के 17 गांवों में करीब 20 बिना फटे आयुध मिले हैं. इनके सुरक्षित निपटारे के बाद जिला प्रशासन ने छह गांवों के लोगों को घर लौटने की अनुमति दे दी है.
Published at : 12 May 2025 08:17 PM (IST)
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रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
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